October 11, 2018
Ghazal Poems – तुम जो आए तो आसमां – Ghazal Poem in Hindi
Ghazal Poems – Ghazal Poem in Hindi
Ghazal Poems
तुम जो आए तो आसमां भी ज़मीं हो गई,
चाँद के मुखड़े पे सितारों की कमीं हो गई।
ख़ुश्क मौसम की हालत तो देखो ऐ ग़ज़ल,
सूखे पत्तों के जिगर में भी नमीं हो गई।
पाँव मेरे ज़मीं पे अब टिकते नहीं शायद ,
आसमानों में उड़ने की आदत लाज़मी हो गई।
मेरी आँखों में अदब ही नहीं कि कैसे बहे,
इसकी हरकत भी जैसे आदमी हो गई।
जिस मिट्टी को जीते जी मैंने कुछ नहीं दिया,
आख़िरी पल में वही मिट्टी मेरी सरज़मीं हो गई।
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